*विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (15 मार्च): (World Consumer Rights Day in Hindi)*
*🔸विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?👇*
👉दुनिया भर में हर साल 15 मार्च को उपभोक्ता के हक की आवाज़ उठाने और उन्हें अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागरुक बनाने के लिए ‘विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस’ मनाया जाता है।
*🔸विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास:👇*
👉आज से 24 साल पहले 15 मार्च, 1983 में उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की शुरूआत कंज्यूमर्स इंटरनेशनल नाम की संस्था ने की थी। इसके पीछे मकसद था कि दुनिया भर के सभी उपभोक्ता यह जानें कि बुनियादी जरूरतें पूरी करने के लिए उनके क्या हक हैं। साथ ही सभी देशों की सरकारें उपभोक्ताओं के अधिकारों का ख्याल रखें। गौरतलब है कि 15 मार्च, 1962 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन.एफ. केनेडी ने सर्वप्रथम उपभोक्ता अधिकारों को परिभाषित किया था।
*🔸विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का उद्देश्य:👇*
👉इस दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों एवं जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाना है।बाजार में होने वाली ग्राहक जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटी सामग्री का वितरण, अधिक दाम वसूलना, बिना मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, नाप-तौप में अनियमितता, ग्यारंटी के बाद सर्विस प्रदान नहीं करने के अलावा ग्राहकों के प्रति होने वाले अपराधों को देखते हुए इस दिन जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं
*🔸राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस:👇*
👉भारत में 24 दिसम्बर ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस‘ के रूप में मनाया जाता है। सन् 1986 में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था। इसके बाद इसअधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गए। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजनपूर्ण बनाने के लिए दिसम्बर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया और 15 मार्च 2003 से लागू किया गया।
👉परिणामस्वरूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और 5 मार्च 2004 को अधिसूचित किया गया था। भारत सरकार ने 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है, क्योंकि भारत के राष्ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्त 15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यह दिन भारतीय ग्राहक आन्दोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरो में लिखा गया है। भारत में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया।
*🔸उपभोक्ताओं के मूल अधिकार:-👇*
🔹बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का अधिकार: बुनियादी, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं जैसे: पर्याप्त भोजन, कपड़े, आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, सार्वजनिक उपयोगिता, जल और स्वच्छता का अधिकार।
🔹सुरक्षा का अधिकार: उत्पादों, उत्पादन प्रक्रियाओं और सेवाओं से सुरक्षित होने का अधिकार जो स्वास्थ्य या जीवन के लिए हानिकारक है।
🔹सूचना का अधिकार: ईमानदार विज्ञापन और प्रचार के आधार पर चुनाव करना अधिकार।
🔹चुनने का अधिकार: संतोषजनक गुणवत्ता के साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं की एक श्रृंखला से चुनने का अधिकार।
🔹सुनाई देने का अधिकार: उपभोक्ताओं से संबंधित सरकारी नीतियों के बारे में अपनी राय को आवाज देने का अधिकार।
🔹निवारण का अधिकार: घटिया सामान या असंतोषजनक सेवाओं के लिए मुआवजे के साथ दावों का उचित निपटान प्राप्त करना अधिकार।
🔹उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार: माल और सेवाओं के बारे में आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त करना अधिकार।
🔹एक स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार: एक ऐसे वातावरण में रहने और काम करने का अधिकार है जिसमें वर्तमान और भविष्य के पीढ़ियों के लिए कोई खतरा नहीं है।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
क्यों मनाया जाता है विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
पहली बार अमेरिका में रल्प नाडेर द्वारा उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत की गई, जिसके फलस्वरूप 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए गए विधेयक पर अनुमोदन दिया। इस विधेयक में चार विशेष प्रावधान थे जिसमें - उपभोक्ता सुरक्षा के अधिकार, सूचना प्राप्त करने का अधिकार, उपभोक्ता को चुनाव करने का अधिकार और सुवनाई का अधिकार शामिल था। बाद में इसमें 4 और अधिकारों को जोड़ा गया।
अमेरिका के बाद भारत में मनाया जाने लगा ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस’
अमेरिका के बाद भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत 1966 में मुंबई से हुई थी। 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया और यह आंदोलन बढ़ता गया। 9 दिसंबर 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पहल पर उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया गया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बार देशभर में लागू हुआ। इसके बाद 24 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
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By tarachand mtc
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