शहीद दिवस 2020: महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि
भारत में प्रत्येक साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज ही के दिन अर्थात 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बापू की पुण्यतिथि को प्रत्येक साल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इस वर्ष भारत महात्मा गांधी की 72 वीं पुण्यतिथि मना रहा है. गांधीजी अपने जीवनकाल के दौरान अपने विचारों और सिद्धांतों के लिए जाने जाते हैं. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर ट्वीट किया कि वे उन सभी लोगों को सलाम करती हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया.
*💁♂️महात्मा गांधी की हत्या*
महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को कर दी गई थी. नाथूराम गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते हुए महात्मा गांधी को गोली मार दी थी. वे उस समय 78 वर्ष के थे. बापू के मुंह से निकले आखिर शब्द 'हे राम' थे. गोडसे भारत के विभाजन पर गांधी के विचारों से सहमत नहीं था. इस दिन के अलावा, 23 मार्च को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उस दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.
*💁♂️इस दिन क्या होता है?*
शहीद दिवस पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. सभी गणमान्य व्यक्ति भी गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके बहादुर योगदान को याद करते हैं.
*💁♂️महात्मा गांधी के बारे में*
• महात्मा गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था. गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था.
• महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर से ही हुई थी. अपने स्कूली पढ़ाई के दौरान गांधी काफी सामान्य छात्र रहे थे. उन्होंने 13 साल की उम्र में शादी की और पिता के बीमार होने के चलते भी स्कूल में संघर्ष किया.
• वे साल 1888 में वकालत की पढ़ाई करने के लिए ब्रिटेन गए. वे जून 1891 में वकालत की पढ़ाई पूरी कर देश लौटे थे. वे साल 1893 में गुजराती व्यापारी शेख अब्दुल्ला के वकील के तौर पर काम करने हेतु दक्षिण अफ्रीका गए थे
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*💐गांधी जी के बारे में 10 रोचक तथ्य💐*
देश को स्वतंत्रता दिलवाने में महात्मा गांधी की विशेष भूमिका रही है। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था जो कि राजकोट के दीवान थे और इनकी माता का नाम पुतलीबाई था। गांधी जी ने स्वतंत्रता के लिए हमेशा सत्य और अहिंसा का मार्ग चुना और कई आंदोलन किए। 30 जनवरी को गांधी जी को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसलिए हर वर्ष भारत में 30 जनवरी को शहीद दिवस (Martyr's Day) मनाया जाता है।
*💁♂️महात्मा गांधी के बारे में 10 रोचक तथ्य*
1. गांधी जी की मातृ-भाषा गुजराती थी।
2. गांधी जी ने अल्फ्रेड हाई स्कूल, राजकोट से पढ़ाई की थी।
3. गांधी जी का जन्मदिन 2 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस के रूप मे विश्वभर में मनाया जाता है।
4. वह अपने माता-पिता के सबसे छोटी संतान थे उनके दो भाई और एक बहन थी।
5. गांधी जी के पिता धार्मिक रूप से हिंदू तथा जाति से मोध बनिया थे।
6. माधव देसाई, गांधी जी के निजी सचिव थे।
7. गांधी जी की हत्या बिरला भवन के बगीचे में हुई थी।
8. गांधी जी और प्रसिध्द लेखक लियो टोलस्टोय के बीच लगातार पत्र व्यवहार होता था।
9. गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह संघर्ष के दोरान , जोहांसबर्ग से 21 मील दूर एक 1100 एकड़ की छोटी सी कालोनी, टॉलस्टॉय फार्म स्थापित की थी।
10. गांधी जी का जन्म शुक्रवार को हुआ था, भारत को स्वतंत्रता शुक्रवार को ही मिली थी तथा गांधी जी की हत्या भी शुक्रवार को ही हुई थी।
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*💐शहीद दिवस पर महात्मा गांधी को क्यों याद किया जाता है?💐*
भारत में शहीद दिवस या सर्वोदया दिवस उन लोगों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है. भारत में शहीद दिवस को 30 जनवरी, 23 मार्च इत्यादि विभिन्न दिनों में मनाया जाता है. महात्मा गांधी ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. क्या आप जानते हैं कि 30 जनवरी के दिन महात्मा गांधी को शहीद दिवस पर याद क्यों किया जाता है. भारत में 30 जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है, शहीद दिवस कैसे मनाया जाता है इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
शहीद दिवस के मौके पर हम देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को याद करते हैं. साथ ही हम उन महान पुरुषों को भी याद करते हैं जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपना बलिदान दिया.
भारत में शहीद दिवस अलग-अलग दिनों में मनाते हैं, लेकिन मुख्य रूप से देश में 2 शहीद दिवस को ही ज्यादा जाना जाता है.
सबसे पहला शहीद दिवस जिसे सर्वोदय दिवस भी कहते हैं, 30 जनवरी को पूरे भारत में मनाया जाता है, जबकि दूसरा शहीद दिवस 23 मार्च को मनाया जाता है. दोनों की अलग-अलग वजहें हैं, लेकिन 30 जनवरी वाले शहीद दिवस को महात्मा गांधी के साथ-साथ उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मनाया जाता है, जो देश की आजादी के लिए लड़े और अपने प्राणों की बलि दे दी. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि शहीद दिवस पर महात्मा गांधी जी को क्यों याद किया जाता है?
“खुद वो बदलाव बनो जो दुनिया में देखना चाहते हो”. - महात्मा गांधी
*💁♂️महात्मा गांधी के बारे में*
गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ था और उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. उनकी 13 साल की उम्र में शादी हो गई थी और अपनी पढ़ाई के लिए वह इंग्लैंड तक गए थे.
गांधीजी गोपाल कृष्ण गोखले के अनुरोध पर जनवरी 1915 में साउथ अफ्रीका से भारत लौटे थे.
गांधीजी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे. राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी प्राप्त हुई. विश्व स्थर पर महात्मा गांधी सिर्फ एक नाम ही नहीं अपितु शान्ति और अहिंसा का प्रतीक हैं.
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि वह अपने अनुयायियों द्वारा राष्ट्रपिता के रूप में लोकप्रिय हुए और उन्हें बापू जी के नाम से भी जाना जाता है.
कई नेताओं के साथ हजारों लोगों ने उनका समर्थन किया और उनके नक्शेकदम पर चले. उन्होंने खेड़ा में अहिंसक कर विद्रोह, 1920 के दशक के प्रारंभ में असहयोग आंदोलन और 1930 में प्रसिद्ध दांडी मार्च का नेतृत्व किया और अन्य आंदोलन किए और उनके अहम प्रयासों से भारत को 1947 में आजादी प्राप्त हुई.
*💁♂️महात्मा गांधी की हत्या कैसे हुई?*
30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली के बिड़ला भवन में राष्ट्रपिता गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. वे यहां रोज शाम को प्रार्थना किया करते थे. 30 जनवरी 1948 की शाम को जब वे संध्याकालीन प्रार्थना के लिए जा रहे थे तभी नाथूराम गोडसे उनके पैर छूने के बहाने से नीचे झुका और फिर सामने से उन पर पिस्तौल से तीन गोलियां दाग दी थीं.
उस समय गांधीजी अपने अनुचरों से घिरे हुए थे. गोडसे ने बापू की हत्या प्रार्थना सभा में शामिल होने से पहले ही कर दी थी. हत्या के बाद गोडसे को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया जिसमें 8 नवंबर 1949 को उनका परीक्षण पंजाब उच्च न्यायालय में किया गया था और फिर 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे को अंबाला जेल में फांसी दे दी गई.
इसलिए हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी जी को याद किया जाता है. इस दिन विशेष श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन होता है. साथ ही आपको बता दें कि हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं.
सेना के जवान भी उनके सम्मान में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए अपने हथियार को नीचे झुकाते हैं और पूरे देश में गांधी जी के समेत अन्य शहीदों को भी याद कर दो मिनट का मौन रखा जाता है. कई स्कूलों में इस दिन कार्यक्रम होते हैं जिसमें छात्र देशभक्ति के गीतों को व नाटकों का प्रदर्शन करते हैं.
30 जनवरी के अलावा भी देश में इन तारीखों को शहीद दिवस मनाया जाता है
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23 मार्च: इस दिन को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई थी.
17 नवंबर – लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि को मनाने के लिए उड़ीसा में शहीद दिवस मनाया जाता है.
19 नवंबर – मध्यप्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस 19 नवंबर को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये उन लोगों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने 1857 की क्रांति में अपने प्राणों की बलि दी थी.
इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि “जिन लोगों ने वास्तव में इतिहास बनाया है, वे शहीद हैं!”
तो अब आप जान गए होंगे कि 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्थर पर शहीद दिवस महात्मा गांधी की याद में उनको और अन्य शहीदों को श्रदांजली देने के लिए देश भर में मनाया जाता है.
*कृपया ध्यान दें जी👉*
*यद्यपि इसे तैयार करने में पूरी सावधानी रखने की कोशिश रही है। फिर भी किसी घटना , तिथि या अन्य त्रुटि के लिए मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है ।*
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*💐महात्मा गांधी के जीवन का सार💐*
महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी को नाथूराम गोडसे ने बिरला हाउस के प्रार्थना स्थल पर तीन गोलियां चलाकर की थी. इसलिए 30 जनवरी को शहीद दिवस या सर्वोदय दिवस हर साल महात्मा गांधीजी की याद में मनाया जाता है.
पूरा नाम: मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म: 2 अक्टूबर, 1869
जन्म स्थान: पोरबंद, गुजरात, भारत
मृत्यु: 30 जनवरी, 1948
मृत्यु स्थान: नई दिल्ली
पिता का नाम: करमचंद गांधी
माता का नाम: पुतलीबाई
पत्नी का नाम: कस्तूरबा गांधी
संतान: हरिलाल, मनिलाल, रामदास और देवदास
स्मारक: राजघाट, दिल्ली
योगदान: भारत की स्वतंत्रता, अहिंसक आंदोलन, सत्याग्रह
महात्मा गांधी ने अपने सत्याग्रह के माध्यम से ब्रिटिश शासन को खत्म करने और गरीबो का जीवन सुधारने के लिए सतत परिश्रम किया। उनकी सत्य और अंहिसा की विचारधारा को मार्टिन लूथर किंग तथा नेलसन मंडेला ने भी अपने संघर्ष के लिए ग्रहण किया। महात्मा गांधी ने अफ्रीका मे भी लगातार बीस वर्षो तक अन्याय और नस्लीय भेदभाव के खिलाफ अहिंसक रूप से संघर्ष किया। उनकी सादा जीवन पध्दति के कारण उन्हें भारत और विदेश में बहुत प्रसिध्दी मिली। वह बापू के नाम से प्रसिध्द थे।
*💁♂️प्रारम्भिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि*
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहन दास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी व माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी का विवाह मात्र तेरह वर्ष की आयु में ही कस्तूरबा के साथ हो गया था। उनके चार बेटे हरीलाल, मनीलाल, रामदास व देवदास थे।
*💁♂️लंदन प्रस्थान*
1888 में महात्मा गांधी कानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिए लंदन गये।
*💁♂️दक्षिण अफ्रीका*
मई 1893 मे वह वकील के तौर पर काम करने दक्षिण अफ्रीका गये। वंहा उन्होंने नस्लीय भेदभाव का पहली बार अनुभव किया। जब उन्हे टिकट होने के बाद भी ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर धकेल दिया गया क्योंकि यह केवल गोरे लोगों के लिए आरक्षित था। किसी भी भारतीय व अश्वेत का प्रथम श्रेणी मे यात्रा करना प्रतिबंधित था। इस घटना ने गांधी जी पर बहुत गहरा प्रभाव डाला और उन्होंने नस्लीय भेदभाव के विरूध संघर्ष करने की ठान ली। उन्होंने देखा कि भारतीयों के साथ यहां अफ्रीका में इस तरह की घटनाएं आम हैं। 22 मई 1894 को गांधी जी ने नाटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की और दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों के लिए कठिन परिश्रम किया। बहुत ही कम समय में गांधी जी अफ्रीका में भारतीय समुदाय के नेता बन गये।
*💁♂️भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका*
1915 मे गांधी जी भारत लौट आये और अपने गुरू समान श्री गोपालकृष्ण गोखले के साथ इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हो गये। गांधी जी की पहली बड़ी उपलब्धि बिहार और गुजरात मे चंपारन व खेड़ा के आंदोलन थे। उन्होंने असहयोग आंदोलन,सविनय अवज्ञा आंदोलन,भारत छोड़ो आंदोलन का भी नेतृत्व किया था।
*💁♂️मृत्यु*
नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या की थी। गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी और हिंदू महासभा सदस्य था। उसने गांधी पर पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप लगाया तथा वह गांधी के अंहिसावादी सिद्धांत का विरोधी था।
*💁♂️लेखन*
*गांधी जी एक विपुल लेखक थे। उनके द्वारा लिखी गयी कुछ पुस्तकें निम्न है-*
• हिंद स्वराज , 1909 मे गुजराती में प्रकाशित हुई।
• उन्होंने हिंदी ,गुजराती और इंग्लिश के अनेक समाचार पत्रों का संपादन किया। जिनमें हिंदी व गुजराती मे हरिजन , इंग्लिश मे यंग इंडिया व गुजराती पत्रिका नवजीवन प्रमुख हैं।
• गांधी जी ने अपनी आत्मकथा ‘’सत्य के प्रयोग’’ भी लिखी।
• उनकी अन्य आत्मकथओं में दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह , हिंद स्वराज आदि प्रमुख हैं
*💁♂️पुरस्कार*
• टाईम मेगज़ीन ने वर्ष 1930 में मैन ऑफ दी इयर चुना।
• 2011 मे टाईम मैगजीन ने गांधी जी को विश्व के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत रहे श्रैष्ठ पच्चीस राजनीतिक व्यक्तियों मे चुना।
• हालांकि उन्हे कभी नोबल पुरस्कार नहीं मिला लेकिन वह इसके लिए 1937 से लेकर 1948 तक पांच बार नामित किये गये।
• भारत सरकार प्रतिवर्ष सामाजिक कार्यकर्ताओं,विश्व नेताओं व नागरिकों को गांधी शांति पुरस्कार से नवाज़ती है। दक्षिण अफ्रीका मे रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले नेता नेल्सन मंडेला को इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
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*💁♂️फिल्म*
गांधी जी पर 1982 बनी फिल्म , जिसमे बेन किंग्सले ने गांधी का रोल किया है, ने ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर का पुरस्कार जीता।
*💁♂️सत्याग्रह*
गांधी ने अपने अहिंसा के सिध्दांत को सत्याग्रह के रूप में पहचान दिलायी। गांधी जी के सत्याग्रह ने अनेक हस्तियों को प्रभावित किया। स्वतंत्रता,समानता और समाजिक न्याय अपने संघर्ष मे नेल्सन मंडेल व मार्टिन लूथर किंग गांधी जी से प्रभावित थे। सत्याग्रह सच्चे सिध्दांतो व अहिंसा पर आधारित है
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